बाथरूम में बेसिन के नीचे एक टेढ़े मुंह वाला नल लटका है
तोंद निकाले सुस्ताया वह प्रेगनेंट लेडी सा चलता है।
मूड करे तो फुहारे दे ज्यों महंगे होटल वाला नल देता है
लेकिन मुसलमां वूजू को बैठे तो पलटवार कर दर्द से बेकल कर देता है।
नकचढ़ा है, कंठ में जैसे ग्लानि फंस कर लटक गया है
पहले थोड़ी जगह मांग कर फिर अजगर सा पसर गया है।
पानी लेता टंकी से मगर सीलन दूर तक फैलाता है
नमक नमक का जाप कर इसने चमड़े को गलाया है।
हैंडल उसके बड़े नुकीले, ज्यों सरहद पर की कांटों के बाड़
चिकना, पतला कुरते को खुद में फांस कर देता उसको फाड़।
डर के मारे मेरा बेटा अक्सर दरवाज़े पर शू शू कर देता है।
हलक भींगा कर कहता है - पापा यह नल मुझको
मसूड़ों में तंबाकू दबाए शातिर जैसा लगता है।
.....................................(सिर को पीछे करता है)
अम्म... अम्मम.. आंss, आंsss क्या था! क्या था!!
हां! यह नल मुझको - नरेंदर मोदी लगता है।